*प्रतापगढ़/साइबर ठगी का पर्दाफाश बैंक खातों से पैसे उड़ाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सरगना समेत दो गिरफ्तार*

*प्रतापगढ़/साइबर ठगी का पर्दाफाश बैंक खातों से पैसे उड़ाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सरगना समेत दो गिरफ्तार*

प्रतापगढ़ जिले में बैंक खातों से पैसे उड़ाने वाले शातिर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए प्रतापगढ़ पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग बैंक खातों में मोबाइल नंबर बदलकर, खाताधारकों की जानकारी चुराकर और यूपीआई आईडी बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम देते थे। प्रतापगढ़ साइबर क्राइम थाने की टीम ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड और उसके साथी को गिरफ्तार कर किया है। यह गिरोह बैंक के बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (बीसी) के रूप में काम करते हुए खाताधारकों के साथ धोखाधड़ी करता था।

 

साइबर क्राइम थाना प्रतापगढ़ पर पंजीकृत मु०अ०स० 07/24 धारा 419, 420 भा०द०वि० व 66 (सी) आई०टी० एक्ट पंजीकृत हुआ, जिसमें वादी मुकदमा के यूनियन बैंक ऑफ इन्डिया के खातें में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपना मोबाइल नम्बर लिंक कराकर धोखे से उसके खाते से दिनांक 24.08. 2023 से 16.10.2023 के मध्य 2,28000/-रू० का आहरण कर लिया गया था, जिसके सफल अनावरण के लिये पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ डा०अनिल कुमार द्वारा साइबर क्राइम थाना को निर्देशित किया गया।

 

जांच में सामने आया कि आरोपियों ने डिजिटल उपकरणों, जैसे फिंगर स्कैनर और लैपटॉप का इस्तेमाल कर बड़ी चालाकी से लाखों रुपये ट्रांसफर किए। गिरोह ने यूनियन बैंक के बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (बीसी) के रूप में अपनी पहचान का गलत फायदा उठाया। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, फिंगर स्कैनर और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। आम जनता को पुलिस ने सलाह दी है कि वे अपनी बैंकिंग जानकारी गोपनीय रखें और किसी भी संदिग्ध कॉल या गतिविधि की तुरंत सूचना दें।

 

*कैसे देते थे वारदात को अंजाम?* गिरोह के सदस्य बैंक के बिजनेस करेस्पॉन्डेंट होने के कारण खाताधारकों की जानकारी तक पहुंच रखते थे।

 

*डिटेल्स की चोरी:* ये लोग बैंक सर्वर के माध्यम से उन खातों की जानकारी चेक करते थे जिनमें बड़ी धनराशि जमा होती थी।

 

*मोबाइल नंबर बदलना:* इन खातों में धोखे से अपने या अपने साथी के मोबाइल नंबर लिंक करा लेते थे।

 

*UPI आईडी बनाना:* मोबाइल नंबर बदलने के बाद, खाते से जुड़ी यूपीआई आईडी बनाकर पैसे ट्रांसफर कर लेते थे।

 

*फिंगर स्कैनर का उपयोग:* डिजिटल उपकरणों, जैसे फिंगर स्कैनर और लैपटॉप की मदद से खाते का उपयोग कर पैसे निकाल लेते थे।

 

*कैसे बचें ऐसी साइबर धोखाधड़ी से:* ऐसे साइबर अपराधों से बचने के लिए लोग अपनी बैंकिंग जानकारी गोपनीय रखें, किसी अनजान व्यक्ति को ओटीपी या पिन साझा न करें, और बैंक खाते से जुड़ी हर गतिविधि पर नजर रखें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत बैंक या साइबर क्राइम थाने को दें। सतर्कता और जागरूकता ही सुरक्षा का सबसे अच्छा उपाय है।

 

*अपील-* पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ डा. अनिल कुमार ने शहरवासियों से अपील की है कि वे जागरूक रहें और साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता बरतें। यदि किसी को कोई संदेहास्पद गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत साइबर क्राइम थाने या 112 नंबर में संपर्क करे।

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