*बालाजी के भजनों से गुंजा बैंगलोर*
उमेश तुलसियान
एफटीएस युवा, बैंगलोर द्वारा आयोजित “एक शाम बालाजी के नाम – 4.0” का भव्य आयोजन 9 नवम्बर को प्रिंसेस रायन पैलेस ग्राउंड्स, बैंगलोर में हुआ।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय भजन सम्राट कन्हैया मित्तल जी (चंडीगढ़) ने अपनी 15 सदस्यों की टीम के साथ मंच संभाला और बालाजी, श्याम तथा राम भक्ति के अमृत भजनों से ऐसा वातावरण बनाया कि पूरा हॉल “जय श्रीराम” और “जय बालाजी” के जयकारों से गूंज उठा।

मित्तल जी के भजनों —

> “तेरा सालासर दरबार मने अच्छा लागे से”,
“भारत का बच्चा-बच्चा जय श्रीराम बोलेगा”,
“श्रीराम जी के दास मेरे बालाजी” —

पर श्रद्धालु नाचते-झूमते नज़र आए।
भक्ति का यह आल्हादित माहौल देर रात तक चलता रहा और हर पंक्ति के साथ श्रोताओं की आँखों में आस्था की चमक दिखाई दी।

*सामूहिक महाआरती और प्रेरक शुरुआत*

भजनों की मधुर लहरियों के बीच जब महाआरती का समय आया, तो समूचा हॉल भक्ति से भर गया।
बेंगलुरु के सभी सम्मानित सदस्य, राष्ट्रीय टीम से पधारे पदाधिकारी, और हजारों श्रद्धालुओं ने एक साथ सामूहिक महाआरती में भाग लेकर बालाजी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
पूरा वातावरण “जय श्रीराम” और “जय बालाजी” की गूंज से अलौकिक हो उठा।
महाआरती के बाद कार्यक्रम का प्रारंभ गणेश वंदना से हुआ —
जिसे चामराजनगर अंचल की एकल विद्यालय की एक नन्ही विद्यार्थी ने प्रस्तुत किया।
वह अपनी 12 सदस्यीय टीम के साथ पहली बार इतने भव्य मंच पर आई थी।
उसकी मासूम भावनाओं और नृत्य ने पूरे हॉल को भावविभोर कर दिया।
उसके परिवार की आँखों में गर्व और खुशी थी कि आज उनकी बेटी को इतना बड़ा मंच मिला —
यह “एकल अभियान” के उस उद्देश्य को साकार करता है जिसमें हर वनवासी बालक-बालिका को अवसर और सम्मान दिलाना है।
*भक्ति, सेवा और एकता का संगम*
एफटीएस युवा अध्यक्ष प्रितेश बुरड ने बताया कि लगभग बारह हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भजनों का आनंद लिया और दस हजार से अधिक भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की।
उन्होंने कहा —
> “यह आयोजन केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारी टीम की भावना, एकता और सेवा का पर्व था।”
कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक थे प्राइड ग्रुप के मुरारीलाल जी सरावगी (एफटीएस बैंगलोर के संरक्षक) और एवोनप्लास्ट के सुनील जी बजाज।
बजाज परिवार सहित उपस्थित रहे और भजनों की मधुर लहरियों पर जिस आनंद से झूमे — वह दृश्य अविस्मरणीय बन गया।
पूर्णाहुति प्रसाद रहे घनश्यामजी विजयजी गोयल (क्रिएशन)।
महामंगल आरती का सौभाग्य मिला श्रीमती ईशा विक्रम अग्रवाल को।
श्रृंगार लाभार्थी रहे —
श्याम बाबा श्रृंगार: संजय जी बैद (गुरु पुनवानी),
राम दरबार श्रृंगार: नवीन गुप्ता (रिलायंस प्लाईवुड),
बालाजी श्रृंगार: श्रीमती सरिता आशीष गुप्ता,
छप्पन भोग लाभार्थी: मदनलाल जी माली,
और गोल्ड स्पॉन्सर रहे भंवरलाल प्रितेश बुरड, गणपत जी माली, पवन राजलीवाल एवं रमेश कुमार जी टिबरेवाल।
*राष्ट्रीय टीम की उपस्थिति ने बढ़ाया गौरव*
एफटीएस सचिव विकास गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम में वनबंधु परिषद की राष्ट्रीय टीम का विशेष आगमन हुआ।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश जी अग्रवाला, राष्ट्रीय सहसचिव नीरज जी हरौडिया, साउथ जोन सचिव बिमल कुमार सरावगी, राष्ट्रीय महिला समिति सचिव रेणु कनौडिया, किशन जी केजरीवाल (कोलकाता), श्रीमती रासु जैन (इंदौर), उत्सव पराशर (रांची), अपर्णा बंसल (भोपाल) और विशेष केडिया (रांची) सहित कई राष्ट्रीय पदाधिकारी इस आयोजन में सम्मिलित हुए —
जिससे पूरे बैंगलोर चैप्टर का गौरव और उत्साह दोगुना हो गया।
*150 एकल विद्यालयों के लिए सहयोग – युवाओं की बड़ी पहल*
पूर्व युवा अध्यक्ष विक्रम अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से वनवासी ग्रामों में संचालित “एकल विद्यालयों” के लिए आर्थिक सहयोग जुटाया गया।
प्रत्येक विद्यालय का वार्षिक व्यय ₹30,000 के अनुसार, युवा टीम ने 150 विद्यालयों का वार्षिक सहयोग सुनिश्चित किया।
जब मंच पर यह घोषणा हो रही थी, तभी भजन सम्राट कन्हैया मित्तल जी ने एकल विद्यालय से प्रभावित होकर हँसी-खुशी कहा कि —
> “हमारे हिन्दू धर्म में 150 का अंक शुभ नहीं माना जाता, इसलिए एक विद्यालय का सहयोग मैं अपनी ओर से देता हूँ।”
उनकी इस भावनापूर्ण घोषणा के साथ ही सहयोग की संख्या 151 विद्यालयों तक पहुँच गई —
और पूरा हॉल “भारत का बच्चा-बच्चा जय श्रीराम बोलेगा” के जयघोष से गूंज उठा।
यह राशि प्रतीक रूप में मंच पर अध्यक्ष श्री हाथीमल जी बैद को भेंट की गई,
और इस क्षण ने पूरे आयोजन को नई ऊर्जा और दिव्यता से भर दिया।
*सेवा संस्थाओं और स्वयंसेवकों का समर्पित योगदान*
महाप्रसादी व्यवस्था में मारवाड़ी युवा मंच बैंगलोर शाखा और राजगढ़-सदलपुर नागरिक युवा संघ का विशेष सहयोग रहा।
उनकी टीमों ने अनुशासन और निस्वार्थ भाव से हर श्रद्धालु तक प्रसाद पहुके साथ ही, विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से जुड़े 100 से अधिक स्वयंसेवकों ने भी पूरे कार्यक्रम में अपनी सेवाएँ दीं —
किसी ने वाहन और पार्किंग व्यवस्था संभाली, किसी ने जल वितरण, किसी ने स्टेज मैनेजमेंट और भीड़ नियंत्रण।
सभी की संयुक्त सेवा भावना ने इस आयोजन को और भी भव्य व व्यवस्थित बना दिया।
*सफलता के पीछे टीम की एकजुट मेहनत*
कार्यकारी अध्यक्ष पवन राजलीवाल ने बताया —
> “पिछले दो महीनों से पूरी युवा टीम ने दिन-रात मेहनत की।
टीम के हर सदस्य ने अपनी जिम्मेदारी से बढ़कर काम किया।
आज पूरे बैंगलोर और एकल अभियान में यह कार्यक्रम चर्चा का विषय है।”
*सक्रिय सदस्यों को सम्मान*
हर वर्ष एफटीएस युवा टीम अपने दो ऐसे सदस्यों को सम्मानित करती है, जिन्होंने पूरे वर्ष संगठन के प्रति अत्यधिक सक्रियता और समर्पण दिखाया हो।
इस वर्ष के लिए यह सम्मान सुश्री रचना डालमिया और मितेश खंडेलवाल को प्रदान किया गया।
संस्था ने उनके पिछले एक वर्ष में किए गए समर्पित योगदान और निरंतर सक्रिय उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया —
और कहा कि “आप जैसे सदस्यों से ही संगठन जीवंत और ऊर्जावान बनता है।”
*युवा टीम के नायक*
इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सदस्यों में — वैभव गुप्ता, आशीष गुप्ता, विक्रम अग्रवाल, प्रितेश बुरड़, पवन राजलीवाल, विकास गुप्ता, साकेत गर्ग, गणपत माली, अमित सिंह, जयप्रकाश अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, आरती अग्रवाल, अंकुर जैन, आयुष अग्रवाला, दीपिका जैन, मितेश खंडेलवाल, रचना डालमिया, गौरव शर्मा, एकता अनंत, शुभम लोहिया, उत्तम बागरेचा, गौरव अग्ग्रवाल, प्रहलाद जोशी, प्रवीण गहलोत, अनिल कुमार, मृदुल अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, अरुण शर्मा, डॉ. अभिषेक मोदी, पुनीत गोयल, जितेन्द्र गुप्ता एवं श्रीधर के नाम प्रमुख रहे।
हर सदस्य ने अपनी जिम्मेदारी से बढ़कर कार्य किया — और यही “टीम भावना” इस कार्यक्रम की असली पहचान बनी।
*अंत में…*
जब कन्हैया मित्तल जी ने अंतिम भजन
> “श्रीराम जी के दास मेरे बालाजी”
की धुन छेड़ी — तो पूरा हॉल खड़ा होकर झूम उठा।
हर भक्त की आँखों में भक्ति के आँसू थे, और दिल से एक ही आवाज निकल रही थी —
“तेरा सालासर दरबार मने अच्छा लागे से…”
