सुल्तानपुर के नए पुलिस अधीक्षक श्री कुँवर अनुपम सिंह ने पदभार किया ग्रहण

कई सर्किल के सीओ ने बुके देकर किया कप्तान श्री कुंवर अनुपम सिंह का स्वागत
सुल्तानपुर
अमरोहा से ट्रांसफर के बाद सुल्तानपुर एसपी का पद ग्रहण करने वाले आईपीएस कुंवर अनुपम सिंह ने अपना पदभार ग्रहण किया। 2013 बैच के आईपीएस ऑफिसर कुंवर अनुपम सिंह गुरुवार रात सिविल लाइन स्थित पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के एडिशनल एस पी अखंड प्रताप सिंह, सी ओ लम्भुआ अब्दुस सलाम, सी ओ कादीपुर विनय गौतम, सी ओ बल्दीराव सौरभ सावंत ने बुके देखकर उनका स्वागत किया। आईपीएस कुंवर अनुपम सिंह अमरोहा से ट्रांसफर होकर सुल्तानपुर आए हैं।कप्तान अनुपम सिंह मूल रूप से इलाहाबाद के रहने वाले हैं, उनके पिता राधेश्याम जल संस्थान में नौकरी करते थे और माता शिला देवी अस्पताल में नर्स थी। उन्होंने कंप्यूटर साइंस सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की। उनकी इच्छा नहीं थी कि मैं प्राइवेट नौकरी करूं, कैंपस प्लेसमेंट भी नहीं लिया और सिविल सर्विस का फॉर्म भर दिया। वे 2011 में पहली बार सिविल सर्विस के परीक्षा में बैठे और फेल हो गए इसके बाद आगे की तैयारी के लिए दिल्ली जाकर कोचिंग ज्वाइन कर ली।
2012 में प्रीमियम पास करते हुए आईपीएस के लिए कुंवर अनुपम सिंह की हैदराबाद में ट्रेनिंग हुई लेकिन हैदराबाद की हुई ट्रेनिंग को मैं कभी नहीं भूल सकता। यहां पर वॉलीबॉल खेलते समय हमारा पैर भी फैक्चर हो गया था और काफी दिनों के अंतराल के बाद तब उसे दौरान हमें डर सताने लगा था की काफी कुछ हमसे सीखने को छूट न जाए 6 महीने तक जब मैं स्विमिंग नहीं सीख पाया तो उस्ताद ने धक्का देखकर हमें पानी में उतार दिए, इसके बाद हमें स्विमिंग करना आ गया। ट्रेनिंग पूर्ण होने के बाद मथुरा में बतौर ए एसपी पद पर पोस्टिंग हुई।
जॉइनिंग के 3 महीने बाद 2 जून 2016 को जवाहर बाग कांड हुआ और उन्हें उस ऑपरेशन का कार्यभार संभालने को दिया गया। उनके समक्ष ही गई पुलिसकर्मियों को गोली लगी । उन पर भी कई फायरिंग किए गए थे। उन्हें भी एक गोली छूकर चली गई थी हालांकि सभी अफसर के साथ उन्हें संभाले। सिपाहियों में आक्रोश बढ़ता देखकर अपने गुस्से को काबू रखते हुए कानून को अपने हाथ में नहीं लिए कानून की हद में रखकर काम किया इस घटना से उन्हें यह सीख मिली कि कितने धैर्य और संयम के साथ पुलिसकर्मी अपना कार्य करते हैं।
तहसील संवाददाता क्राइम रिपोर्टर दधीचि विश्वकर्मा