*ईरान से सकुशल वतन लौटी फरीदा सरवत की आप बीती सुनकर रो पड़े परिजन*
प्रेम शर्मा
जौनपुर के शाहपंजा मोहल्ला निवासी फरीदा सरवत जब अपने परिवार से मिली तो रो पड़ी| करीब 25 दिन के बाद जब वह अपने घर पहुंची तो परिजनों और बच्चों की आंखें खुशी से छलक पड़ी| परिजनों ने भारत सरकार का आभार जताते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार ने जो मदद की, उसके लिए वह दिल से धन्यवाद करते हैं।
फरीदा सरवत बीते माह अपने 15 साथियों के साथ जियारत के लिए ईरान गई थीं। इस दौरान अचानक वहां युद्ध छिड़ गया, जिससे अफरातफरी मच गई और सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं। इससे वह अन्य श्रद्धालुओं के साथ वहीं फंस गईं। परिजनों ने उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई थी।
भारत लौटने के बाद फरीदा सरवत ने बताया कि जैसे ही वापसी की तैयारी कर रहे थे, तभी युद्ध शुरू होने की सूचना मिली। सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। भारत के अन्य नागरिकों के साथ मिलकर एंबेसी से संपर्क किया गया। सांत्वना तो मिली, लेकिन जब आंखों के सामने बम गिरते थे, तो दिल दहल जाता था। डर था कि वतन लौट भी पाएंगे या नहीं।
फरीदा ने बताया कि वह ट्रेन से अपने गंतव्य स्थान पहुंचीं, फिर वहां से फ्लाइट से सऊदी अरब और वहां से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचीं। इसके बाद सड़क मार्ग से शाहगंज स्थित अपने घर लौटीं। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि ईरान में अभी भी फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
फरीदा सरवत मूल रूप से आजमगढ़ जनपद के सरायमीर की रहने वाली हैं और वर्तमान में शाहपंजा मोहल्ले में रहती हैं। वह अपने पति अहमद नकी, बेटी अरीबा और बेटों अली, गाजी और वाहिद के साथ रहती हैं। मां के लौटने की खबर सुनते ही बच्चों की आंखें खुशी से भर आईं। भाई सुलेमान ने कहा कि जिस घड़ी में सभी की सांसें अटकी थीं, अब उस डर से राहत मिली है।