जौनपुर शोक में डूबा, अंतरजाल पर जिले की पहचान बनाने वाले मोहम्मद मासूम नहीं रहे

जौनपुर शोक में डूबा, अंतरजाल पर जिले की पहचान बनाने वाले मोहम्मद मासूम नहीं रहे

अरुण कुमार जयसवाल

जिले की गौरवशाली विरासत, संस्कृति और गंगा–जमुनी तहज़ीब को अंतरजाल मीडिया के ज़रिये पूरी दुनिया तक पहुँचाने वाले सय्यद मोहम्मद मासूम का आज भोर लगभग चार बजे निधन हो गया। उनके निधन की ख़बर मिलते ही पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

मासूम कई न्यूज़ वेबसाइटों के संस्थापक एवं संरक्षक थे। न्यूज़ पोर्टल की अहमियत और उसकी ताक़त से जिले के पत्रकारों को सबसे पहले जागरूक करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। वह एक ज़मींदार ज़ुल्क़द्र बहादुर के खानदान से ताल्लुक रखते थे, जिनका परिवार करीब साढ़े सात सौ वर्षों से जौनपुर की धरती पर बसा है।

 

उन्होंने ब्लॉग और वेबसाइट के माध्यम से लगातार जिले के इतिहास को सामने रखा और शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। उनकी कोशिश रही कि जौनपुर को ‘हिस्टोरिकल प्लेस’ या पर्यटक स्थल घोषित कर, यहां की धरोहरों को रोजगार और विकास से जोड़ा जाए।

 

मासूम साहब के निधन से जिले ने एक सच्चा पहरेदार, इतिहास का सच्चा खोजी और गंगा-जमुनी तहज़ीब का सच्चा रक्षक खो दिया। उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके पैतृक आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है।शाम को चार अंगुल की मस्जिद में मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन ज़ैदी ने मजलिस पढ़ने के बाद नमाज़ ए जनाज़ा पढाया जिसके बाद उन्हें पास के पैतृक कब्रिस्तान में दफ़ना दिया गया।

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